ढोलबाहा का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
ढोलबाहा एक पुरातत्व स्थल है जो प्रागैतिहासिक काल से मौजूद है। यहां मिली कलाकृतियों के डेटिंग विश्लेषण के आधार पर यह माना जाता है कि ढोलबाहा दुनिया के शुरुआती बसे हुए स्थलों में से एक था।


गुर्जर-प्रतिहारों और परमार राजवंशों की अधिकांश खोजों को अब होशियारपुर पुरातत्व संग्रहालय में देखा जा सकता है।
ढोलबाहा बांध कहाँ स्थित है?
ढोलबाहा में घूमने के लिए प्रसिद्ध बिंदु धोलबाहा बांध है। यह उत्तर भारत में पंजाब राज्य के होशियारपुर जिले के ढोलबाहा गांव के बाहरी इलाके में स्थित है और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस बांध के पास निकटतम प्रसिद्ध शहर होशियारपुर है। इस बांध का निर्माण वर्ष 1987 में पूरा हुआ था। इस बांध का उपयोग सिंचाई, जलविद्युत और बाढ़ नियंत्रण के उद्देश्य से किया जाता है।


यहाँ करने के लिए क्या चीज़ें हैं?
इन पहाड़ों के बीच में एक झील का निर्माण होता है जो आगंतुकों के लिए एक सुंदर परिदृश्य दृश्य बनाता है।


बांध पर एक पक्का रास्ता है जहां से झील, पहाड़ और हरी-भरी वनस्पतियों की सुंदरता को देखा जा सकता है।


यहां 2 से 3 घंटे शांति से बिता सकते हैं और प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। यहां ज्यादातर लोग शाम बिताने आते हैं। शाम के समय सूर्यास्त भी देखा जा सकता है।




ढोलबाहा बांध तक कैसे पहुंचे?
यह बांध सड़कों द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है और पंजाब राज्य के होशियारपुर शहर से 30 KM की दूरी पर स्थित है। आप कैब/टैक्सी या बस से बुक करके यहां पहुंच सकते हैं।
धोलबाहा बांध की यात्रा का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
इस जगह की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है।
धोलबाहा बांध के लिए प्रवेश शुल्क कितना है?
इस बांध को देखने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
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